



इटरनल विश्वविद्यालय बडू साहिब के सौजन्य से आयोजित इस किसान मेले में प्रगतिशील किसानों और कृषि विश्वविद्यालय द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी
समाचार दृष्टि ब्यूरो/राजगढ़
कलगीधर ट्रस्ट बडू साहिब द्वारा संचालित इटरनल यूनिवर्सिटी बडू साहिब के अकाल कालेज ऑफ एग्रीकल्चर द्वारा आयोजित दो दिवसीय कृषि मेला सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस मेले का भव्य शुभारंभ कलगीधर ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबा डाक्टर दैवेन्द्र द्वारा किया गया।
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अपने संबोधन में बाबा डाक्टर दैवेन्द्र ने राष्ट्र निर्माण में किसानों और बागवानी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस मेले को न केवल एक उत्सव बताया बल्कि कृषि शिक्षा की परंपरा का संगम भी कहा। उन्होंने कहा कि कृषि कॉलेज के विद्यार्थी यहां आधुनिक कृषि तकनीकों को समझ रहे हैं और इसके साथ-साथ सामाजिक सहभागिता भी सीख रहे हैं।
मेले के समापन समारोह में हिमाचल प्रदेश के पूर्व प्रधान व सलाहकार सह सचिव डॉ. डीके शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि और कुलपति डॉक्टर जसविंद्र सिंह ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने किसान मेले में छात्राओं द्वारा आम जनता की शिक्षा के लिए लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया और उनके प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर स्थानीय किसानों द्वारा लाए गए विभिन्न उत्पादों जैसे स्ट्रॉबेरी, कद्दू, अलसी, गेहूं, जौ, लहसुन, पपीता, मूंग, मसूर, गन्ना, कुलथ, राजमा, हल्दी आदि की आकर्षक प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी में उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए किसानों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
इंटरनल विश्वविद्यालय बडू साहिब के सौजन्य से आयोजित इस किसान मेले में प्रगतिशील किसानों और कृषि विश्वविद्यालय द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में भाग लेने वालों को प्रमाण पत्र एवं समृद्धि चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इंटरनल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर जसविंद्र सिंह और डॉ. डीके शर्मा ने कृषि मेले के मुख्य उद्देश्य पर जोर देते हुए बताया कि इसका लक्ष्य किसानों को उन्नत किस्म के बीज, फल, सब्जी आदि की नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराना है।
मेले में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लेते हुए जैविक खेती, ड्रिप सिंचाई, स्मार्ट एग्रीकल्चर उपकरण, कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग यूनिट्स और स्थानीय हस्तशिल्प जैसे विषयों पर अपने-अपने स्टॉल लगाए। कुछ स्टॉलों पर छात्रों ने स्वदेशी बीजों और प्राकृतिक कीटनाशकों के महत्व के बारे में जानकारी दी, जिससे किसानों को सतत कृषि पद्धतियों को अपनाने की प्रेरणा मिली।
किसान मेले के मुख्य संयोजक और कृषि संकाय के डीन डॉ. चंदेल ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का यह प्रयास है कि यह मेला मात्र एक औपचारिकता बनकर न रह जाए, बल्कि वास्तव में किसानों को नई चीजें सीखने और छात्रों को जमीनी स्तर का अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान करे।
इससे पूर्व इंटरनल कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर जसविंद्र सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शनी का निरीक्षण किया गया।
इस अवसर पर कृषि कॉलेज की डीन एवं संयोजक डॉ. सुनीता चंदेल, टी.एस. दैनिपाल, डीन अकादमिक अफेयर्स, डॉक्टर वी.एस. भोपाराय, दीक्षिता ठाकुर, गरिमा चौहान एवं कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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