Advertisements

पारदर्शी सुशासन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

Picture of Samachar Drishti

Samachar Drishti

मुख्यमंत्री ने की डीसी-एसपी सम्मेलन के शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता

समाचार दृष्टि ब्यूरो /शिमला

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां डीसी-एसपी सम्मेलन के शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता करते हुए ऊना, बिलासपुर, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के अधिकारियों को राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को कल्याणकारी योजनाओं के लाभ शीघ्र प्रदान किए जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सुशासन पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है और पारदर्शिता व ईमानदार कार्यप्रणाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए और लोकहित के कार्यों में लापरवाही की कोई भी गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने वार्षिक बजट में हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है। इसमें से विभिन्न योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है और अन्य योजनाएं जमीनी स्तर पर आकार ले रही हैं। उन्होंने सभी उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से शासन में सुधार के लिए सुझाव देने को कहा, ताकि लोगों को घर-द्वार पर बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सके। मुख्यमंत्री ने इन प्रगतिशील परिवर्तनों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि सभी उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक सप्ताह में दो दिन अपने कार्यालयों में बैठकर जन शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा जल्द ही एक मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्तों को शासन प्रणाली में सुधार लाने के दृष्टिगत अपने-अपने जिलों में जनता की शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करने को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को जिलों में लंबित राजस्व मामलों के समाधान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने और ऐसे मामलों का समय पर निपटान सुनिश्चित करने के लिए राजस्व अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने गोबिंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियों को शुरू करने के लिए बिलासपुर प्रशासन की सराहना की और ऊना जिला प्रशासन को भी इस संबंध में कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस पहल से स्थानीय युवाओं के लिए अतिरिक्त रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस बल के आधुनिकीकरण और पुलिस की कार्यप्रणाली में उन्नत तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने नशे की समस्या से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों पर बल दिया और कहा कि युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाने के लिए नशा माफिया के खिलाफ लड़ाई को और तेज किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘जिला सुशासन सूचकांक 2023-24’ जारी किया और शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले कांगड़ा जिला को 50 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया। दूसरे स्थान पर रहे बिलासपुर जिले को 35 लाख रुपये व तीसरे स्थान पर रहे हमीरपुर जिले को 25 लाख रुपये और प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया। उन्होंने इस अवसर पर संबंधित जिलों के उपायुक्तों को पुरस्कार राशि के चेक प्रदान किए। उन्होंने ‘सांख्यिकी सार 2023-2024’ पुस्तिका का भी विमोचन किया।

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य के लोगों के कल्याण के लिए सुशासन के साथ अच्छा प्रशासन नितांत आवश्यक हैै। उन्होंने कहा कि जिला, क्षेत्रीय प्रशासन और शासन की मूल इकाई है। नागरिकों की भलाई के लिए योजनाओं और कार्यक्रमों का कार्यान्वयन और समावेशी विकास के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण शासन संकेतकों पर जिले के प्रदर्शन को मापा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति और आगामी चुनौतियों को देखते हुए राज्य में विकास प्रतिमान बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, विद्युत आपूर्ति, जलापूर्ति और कई अन्य क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न विकास संकेतकों पर हिमाचल ने कई अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। हिमाचल प्रदेश समावेशी और समान विकास के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में उभरा है।

इससे पहले, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य के विकास के लिए एक स्पष्ट रोडमैप की रूपरेखा तैयार की है और सभी उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले दो वर्षों में संसाधन जुटाने पर बल देते हुए कई महत्वपूर्ण और साहसिक निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

बैठक के दौरान, पांच जिलों के उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों ने अपने-अपने जिलों में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं की प्रगति और उपलब्धियों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर सचिव प्रशासनिक सुधार सी. पालरासु ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। सम्मेलन में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, प्रशासनिक सचिव तथा विभिन्न विभागाध्यक्षों ने भी भाग लिया।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram
LinkedIn
Email
Print

जवाब जरूर दे

[democracy id="2"]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements

Live cricket updates

error: Content is protected !!