



इस सफल प्रयोग के बाद उत्साहित बच्चे अब बटन मशरूम के बाद ढींगरी और शीटाके मशरूम उगाने की योजना पर अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन अनुसार कर रहे हैं कार्य
समाचार दृष्टि ब्यूरो/सराहाँ (सिरमौर)
पीएम श्री पंडित दुर्गा दत्त राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नारग के कृषि व्यावसायिक विषय के विद्यार्थियों ने विद्यालय के एक कक्ष में मशरूम उगा दी। विद्यालय में विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध विद्यालय शिक्षकों और विद्यार्थियों ने 10 बैग मशरूम के लगाए थे। जिसमें बहुत अच्छी मशरूम उगी है जिसको उपयोग एमडीएम योजना में विद्यार्थियों को भोजन प्रदान करने में किया जा रहा है। बिना किसी रासायनिक खाद और दवाई का इस्तेमाल किए बिना मशरूम उगा कर विद्यार्थी बहुत उत्साहित महसूस कर रहे हैं।
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बता दें कि इस विद्यालय में पहले भी बच्चों के लिए वोकेशनल शिक्षा के अन्तर्गत महर्षि चरक औषधीय वाटिका , वर्मी कम्पोस्ट यूनिट, ग्रीन हाउस, किचेन गार्डन व ओपीडी कक्ष का निर्माण किया गया है ताकि विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया जा सके और बच्चे इसे भविष्य में आजीविका का एक जरिया बना सके।
कृषि विषय की अध्यापिका नेहा कौंडल और कृष्णा ( प्रयोगशाला सहायक ) ने बताया कि विद्यालय प्रधानाचार्य रोहित वर्मा के सुझाव अनुसार इस वर्ष उनके द्वारा विद्यालय के लिए एक मृदा परीक्षण किट की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है। जिसका उपयोग विद्यार्थियों और स्थानीय कृषकों को अपनी मिट्टी में पोषक तत्वों की स्थिति और गुणवत्ता का पता लगाने में किया जाएगा। जिससे वे सही मात्रा में खाद और उर्वरक का उपयोग कर सके और अपनी फसल की पैदावार बढ़ा सके। स्वास्थ्य सेवा विषय में भी बच्चों के विभिन्न शारीरिक टेस्टों की सुविधा भी यह स्कूल प्रदान कर रहा है।
एसएमसी अध्यक्ष नीरज पंवर और सभी सदस्यों ने विद्यालय की इस पहल और सफल प्रयोग के लिए विद्यालय प्रशासन, विद्यार्थियों और शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि विद्यालय द्वारा हमेशा नवोन्मेष गतिविधियों के माध्यम से बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करवाया जा रहा है।
इस सफल प्रयोग के बाद उत्साहित बच्चे अब बटन मशरूम के बाद ढींगरी और शीटाके मशरूम उगाने की योजना पर अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन अनुसार कार्य कर रहे हैं। विद्यालय प्रधानाचार्य ने इस शैक्षिक गतिविधि के सफल प्रयोग के लिए नौणी विश्वविद्यालय के माइकॉलजी एवम् प्लांट पैथोलॉजी विभाग के वैज्ञानिकों का भी आभार व्यक्त किया।
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