समाचार दृष्टि ब्यूरो/शिमला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में ग्राम पंचायतों द्वारा जारी किए जाने वाले विवाह, जन्म व मृत्यु प्रमाण-पत्र लोगों को ऑनलाइन उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को विभिन्न जन सेवाएं उनके घर- द्धार के समीप सुगमता से उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। वह आज यहां ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास से ही प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सकता है, इसलिए विभिन्न योजनाओं का सफल कार्यान्वयन नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत वित्त वर्ष 2023-24 में 275 लाख श्रम दिवस अर्जित करने के लक्ष्य के मुकाबले 344.31 लाख श्रम दिवस अर्जित किए गए हैं, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में 300 लाख श्रम दिवस अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से अभी तक 214.51 लाख श्रम दिवस अर्जित किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024-25 में 17,582 गांव खुले में शौच मुक्त प्लस मॉडल बनाए जाएंगे। अभी तक 9203 गांव खुले में शौच मुक्त प्लस मॉडल घोषित किए जा चुके हैं, जबकि 2347 गांव खुले में शौच मुक्त प्लस वेरीफाइड हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न विकास खंडों में 32 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबन्धन इकाइयों का निर्माण किया जा चुका है और 26 को कार्यशील कर दिया गया है। ऐसी इकाइयां सभी विकास खंडों में निर्मित की जा जाएंगी।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में अभी तक 43,161 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं जिन्हें समुचित आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के तहत नवोन्मेषी प्रयास किए जा रहे हैं। मिशन द्वारा स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के विक्रय के लिए 93 हिम ईरा दुकानें उपलब्ध करवायी गई हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में इनमें 1.4 करोड़ रुपये के उत्पाद विक्रय किए गए हैं। एसआरएलएम द्वारा 80 सप्ताहिक बाजारों (वीक मार्किटस) भी लगाए जाते हैं, जिनमें वित्त वर्ष 2023-24 में 1.2 करोड़ रुपये के उत्पाद विक्रय किए गए। स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और उन्हें बेहतरीन विपणन अवसर उपलब्ध करवाने के लिए सशक्त प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को ऑनलाइन प्लटेफार्म उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को हिम ईरा प्रीमियम ब्रांड के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन उत्पादों को प्रतिष्ठित संस्थानों में विक्रय के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा।
इस अवसर पर हिम ईरा के ब्रांड के उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के सशक्तिकरण व ग्रामीण विकास के लिए दूरदर्शी दृष्टिकोण से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग की विभिन्न योजनाओं के सफल कार्यन्वयन के लिए विभिन्न हितधारकों द्वारा समन्वय से प्रयास किए जा रहे हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव ग्रामीण विकास राजेश शर्मा, निदेशक ग्रामीण विकास राघव शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एनआरएलएम शिवम प्रताप सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।