News-ढली में नवनिर्मित बस स्टैंड (Bus Stand) जनता को किया समर्पित
समाचार दृष्टि ब्यूरो/शिमला
मुख्यमंत्री (Chief Minister) ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला में 13.25 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित ढली बस अड्डा जनता को समर्पित किया और इसका निरीक्षण भी किया। मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने सिर्फ चुनावी दृष्टि से बिना बजट के इस बस अड्डे का शिलान्यास किया था और ऐसा ही ठियोग बस अड्डे के लिए भी किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बीते और इस वर्ष 5-5 करोड़ रुपये जारी कर 13 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण कार्य पूरा करवाया।
मुख्यमंत्री नेे कहा कि यहां 24 करोड़ रुपये की लागत से एचआरटीसी की एक आधुनिक वर्कशॉप भी बनाई जा रही है, जिसका कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने डबल ईंजन की सरकार के नाम पर प्रदेश की जनता को धोखा दिया। महज चुनाव जीतने के उद्देश्य से 5,000 करोड़ रुपये की रेवड़ियां बांटीं लेकिन प्रदेश की प्रबुद्ध जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार बजट का समुचित प्रावधान करने के बाद ही विकासात्मक परियोजनाओं का शिलान्यास कर रही है तथा इन्हें समयबद्ध रूप से पूरा भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने ढली में 36 करोड़ रुपये की लागत से सब्जी मंडी के आधुनिकीकरण कार्य की आधारशिला भी रखी। उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर मंडी का आधुनिकीकरण कार्य शुरू हो जाएगा और 18 महीने में इसका कार्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि शिमला में भी सीए स्टोर का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने ढली में नई पार्किंग बनाने का आश्वासन दिया और कहा कि राज्य सरकार सड़कों का सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने कई सड़कों को स्वीकृति नहीं दी जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी है। परवाणु-शिमला को दो साल में ढली तक फोरलेन बनाने का प्रयास किया जाएगा और वर्तमान राज्य सरकार एशिया के सबसे ऊंचे पुल का निर्माण करेगी। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू नेे 1.65 करोड़ रुपये की लागत से बने सामुदायिक केंद्र समिट्री संजौली और पार्किंग सुविधा का भी लोकार्पण किया।
ढली में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां दूध पर समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार गाय का दूध 45 रुपये तथा भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर के दाम पर खरीद रही है।
उन्होंने कहा रोहड़ू में किसानों ने उनसे भेंट कर बताया कि दूध का मूल्य बढ़ने से उन्हें बहुत अधिक लाभ हुआ है। प्रदेश सरकार के निर्णयों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो रही है। राज्य सरकार प्राकृतिक खेती से उगाई गई गेहूं और मक्की को क्रमशः 40 रुपये तथा 30 रुपये प्रति किलो की दर पर खरीद रही है, ताकि गांव के लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दौरान राज्य सरकार ने बागवानों की फसलों को मंडी तक पहुंचाने के लिए समय पर सभी सड़कें बहाल कीं। शिमला और किन्नौर की सड़कों को बहाल करने के लिए 100 करोड़ रुपये जारी किए ताकि बागवानों को आर्थिक नुकसान न हो।
उन्होंने कहा कि आपदा में प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य की कोई मदद नहीं की। प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से 4,500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया और लोगों को राहत देने के लिए नियमों में बदलाव कर नुकसान पर मिलने वाली मुआवजा राशि को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये किया है।
प्रदेश सरकार ने सेब का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 1.50 रुपये बढ़ाया है। मंडी मध्यस्थता योजना के तहत 153 करोड़ रुपये जारी कर किसानों की बकाया राशि का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सेब बागवानों की सुविधा के लिए यूनिवर्सल कार्टन इस वर्ष से लागू कर दिया है, ताकि उन्हें उत्पाद के बेहतर दाम मिल सकें। उन्होंने कहा कि पराला में नया सीए स्टोर बनाया जा रहा है। इसके साथ ही प्रेदश में आठ अन्य सीए स्टोर भी तैयार किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पराला-राजगढ़ सड़क मार्ग को डबल लेन बनाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि ट्रक का भाड़ा कम हो सके और कम लागत में बागवानों की फसलें चंडीगढ़ की मंडियों में पहुंच सकंे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने दो वर्ष के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की नींव रखी है। सरकार के इन निर्णयों से ग्रामीण परिवेश में रहने वाले और आम आदमी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा तथा इन निर्णयों के आगामी समय में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापकों के 6 हजार पद भरे जा रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुदृढ़ किया जा रहा है। आईजीएमसी शिमला में नया ट्रॉमा सेंटर तैयार किया गया है। कैजुएल्टी में एक बेड पर एक मरीज सुनिश्चित किया जा रहा है। डॉक्टरों और नर्सों के लिए भी कार्यस्थल पर बेहतर माहौल प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में आधुनिक तकनीक उपलब्ध करवाई जा रही है, ताकि मरीजों को प्रदेश में ही बेहतर चिकित्सा उपचार उपलब्ध हो सके।
कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि ढली सब्जी मंडी को विकसित करने का मसौदा तैयार कर लिया है और एक माह में इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बेहतर स्थान का चयन कर बहुउद्देशीय मंडी तैयार करने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही मंडियों का विस्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे किसान लाभान्वित हो सकें।
राज्य सरकार द्वारा मंडियों का आधुनिकीकरण करने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को रेल सुविधा से जोड़ने के लिए रेलवे प्रबंधन से सवंाद जारी है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह सब्जी मंडी आसपास के क्षेत्रों के 150 लोगों की आजीविका का साधन है तथा इसका विस्तार कर अन्य लोगों को रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के विकास में दिन-रात जुटे हुए हैं।
मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना, मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना सहित अन्य योजनाएं प्रदेश के विभिन्न वर्गों का कल्याण सुनिश्चित कर रही हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में पार्किंग सुविधा का और विस्तार करने का भी आग्रह किया। इससेे पूर्व एपीएमसी शिमला के अध्यक्ष देवानंद वर्मा ने मुख्यमंत्री का ढली पहुंचने पर स्वागत किया।
इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विधायक हरीश जनारथा, हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, महापौर शिमला सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, कांगड़ा एपीएमसी के अध्यक्ष नरेंद्र मोंगरा, प्रधान सचिव आर.डी. नजीम, सचिव सी. पालरासू, उपायुक्त अनुपम कश्यप सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।