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कठिन परिस्थितियों के बावजूद रख रहे आत्मनिर्भर हिमाचल की नींवः मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने की राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय, चौड़ा मैदान शिमला के वार्षिक समारोह की अध्यक्षता
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने की राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय, चौड़ा मैदान शिमला के वार्षिक समारोह की अध्यक्षता
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मुख्यमंत्री ने कहा, कम संख्या वाले शिक्षण संस्थान होंगे बंद, बढ़ाएंगे सीटें, देंगे आने-जाने का खर्च

समाचार दृष्टि ब्यूरो/शिमला

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय, चौड़ा मैदान शिमला के वार्षिक समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार कठिन परिस्थितियों के बावजूद आत्मनिर्भर हिमाचल की नींव रख रही है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए महज कुछ लोगों पर राज्य की संपदा लुटाना उचित नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को उसका अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व्यवस्था में सुधार के लिए अनेक फैसले ले रही है और आने वाले समय में भी इसी दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

श्री सुक्खू ने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए राज्य सरकार अगले शैक्षणिक सत्र से जिला मुख्यालयों पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में को-एजुकेशन शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोल रही है और अगले सत्र से दस ऐसे स्कूल कार्य करना शुरू कर देंगे। इन स्कूलों में स्वीमिंग पूल, इनडोर स्टेडियम और खेल गतिविधियों के लिए बेहतर आधारभूत ढांचा उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने चुनावी लाभ के लिए अपने कार्यकाल के अन्तिम छह महीने में 900 संस्थान खोल दिए, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने पर जोर दे रही है ताकि वे भविष्य की चुनौतियों का बखूबी सामना कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकारी शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी किसी से कम नहीं है। मैं स्वयं सरकारी स्कूल से पढ़ा हूं और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचा हूँ। अगर मैं मुख्यमंत्री बन सकता हूं तो सरकारी स्कूल के बच्चे भी अपने जीवन का कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। इसलिए राज्य सरकार सरकारी शिक्षण संस्थानों में सुविधाएं बढ़ा रही है और गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य मात्र डिग्री प्रदान करना नहीं, बल्कि क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करना है, ताकि वह आत्मविश्वास के साथ भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि जिन शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की संख्या कम है या जहां पर छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पा रही है, उन्हें अगले शैक्षणिक सत्र से बंद कर दिया जाएगा और ऐसे शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए निकट के अच्छे संस्थानों में सीटें बढ़ाई जाएंगी और विद्यार्थियों को आने-जाने का खर्च भी राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को विश्व स्तरीय बनाया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुधार की दिशा में कदम उठाते हुए नर्सरी से लेकर जमा दो तक शिक्षा का एक ही निदेशालय बनाने जा रही है।

मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय चौड़ा मैदान कॉलेज में सेंट्रल हीटिंग सिस्टम लगाने के साथ-साथ कॉलेज में अगले शैक्षणिक सत्र से इकोनोमिक्स, पॉलिटिक्ल साइंस और इंग्लिश की पीजी कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कॉलेज के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, संजय अवस्थी, नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष छत्तर सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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