



Sirmour: ठोडा, परात और रासा नृत्य पर खूब झूमे अरुणाचल के दर्शक
समाचार दृष्टि ब्यूरो / राजगढ़
आसरा संस्था जालग द्वारा भारत लोक संगीत अरुणाचल उत्सव 2025 में सिरमौर की विशुद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया। अरुणाचल सरकार द्वारा 9 से 11 फरवरी तक नामसाई में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय उत्सव के समापन दिवस पर 11 फरवरी को हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा सिरमौरी नाटी के दल को सांस्कृतिक प्रदर्शन हेतु भेजा गया, यह जानकारी वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डॉक्टर जोगेंद्र हाब्बी ने प्रेस को जारी बयान में दी।
तीन दिवसीय उत्सव में दर्शकों ने भारतवर्ष के कई राज्यों के कलाकारों के अलावा भूटान ,थाईलैंड आदि देशों के नृत्यों का भी भरपूर आनंद उठाया। हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग के निर्देशानुसार तथा सांस्कृतिक दल के साथ विभाग के सहायक निदेशक बिहारी लाल शर्मा की देखरेख में आसरा संस्था के कलाकारों द्वारा उत्सव के समापन दिवस के अवसर पर सिरमौरी नाटी की विभिन्न विधाओं की प्रस्तुतियां दी गई।
अरुणाचल उत्सव के समापन दिवस के मुख्य अतिथि अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चोउना मेन रहे।
आसरा संस्था के कलाकारों ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोककलाकार डॉ जोगेंद्र हाब्बी के नेतृत्व में महाभारत काल से संबंधित सिरमौर जनपद के आदिकालीन ठोडा नृत्य, दीपक, रिहाल्टी गी, मुंजरा, परात तथा रासा आदि नृत्य विधाओं की प्रस्तुति देकर इस उत्सव में आए हजारों दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।
आसरा सांस्कृतिक दल के कलाकारों में लोक गायक रामलाल वर्मा बिमला चौहान, लोक वादकों में संदीप कुमार, देवीराम सुनील व मुकेश, लोक नर्तकों में जोगिंदर हाब्बी, गोपाल हाब्बी, चमन लाल, अमीचंद, सरोज, अनु, आरती, पायल आदि शामिल रहे।
सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने जहां अरुणाचल प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है वहीं निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश का भी आभार व्यक्त किया कि विभाग के माध्यम् से सिरमौर जिला की समृद्ध सांस्कृतिक विधाओं को प्रदेश से बाहर प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया गया।
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