



हैरतअंगेज – महज तीन दिन में कैसे पूरा हो गया था अर्की कॉलेज में बास्केटबाल कोर्ट और ओपन जिम निर्माण का कार्य
समाचार दृष्टि ब्यूरो/अर्की
अर्की कॉलेज में कागज पर बास्केटबाल कोर्ट और ओपन जिम (Basketball Court and Open GYM Scam in Arki Degree College) तैयार कर कालेज विकास समिति और ठेकेदार द्वारा 11,81,950 रुपये का गड़बड़ जाला सामने आया है। इस गड़बड़ जाले का खुलासा तब हुआ जब कालेज में प्राचार्य की तैनात हुई। उन्होंने पाया कि कॉलेज परिसर में न तो बास्केटबाल कोर्ट है और नहीं ओपन जिम। इन दोनों का निर्माण कालेज को मिली उत्कृष्ट महाविद्यालय की एक करोड़ रुपये की राशि में से किया जाना था। लेकिन समिति और ठेकेदार ने जाली दस्तावेज तैयार कर संबंधित राशि का गमन कर दिया।
इस पुरे मामले की शिकायत प्राचार्य ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 फरवरी को को प्राचार्य डिग्री कालेज अर्की ने शिकायत दी है कि वह अर्की में अगस्त 2023 से बतौर प्राचार्य कार्यरत हैं। प्राचार्य पद संभालने पर उन्होंने पाया कि शिक्षा सत्र 2021-22 में कॉलेज को उत्कृष्ट महाविद्यालय बनाया गया था। इसके लिए सरकार की ओर से विकास कार्य के लिए एक करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी।
कालेज रिकॉर्ड के अनुसार एक करोड़ रुपये में से 8,81,950 रुपये का खर्च बास्केटबाल कोर्ट और 3,00,000 रुपये ओपन जिम बनाने में खर्च किया गया है।
इन दोनों कार्यों के लिए कुल 11,81,950 रुपये राशि मंडी के ठेकेदार को 19 मार्च 2022 को ट्रेजरी अर्की ने बिल पास होने पर जारी की गई है। जबकि आज तक अर्को कालेज परिसर में न तो बास्केटबाल कोर्ट बना है और न ही ओपन जिम बना है। इस काम को पूरा करने के बाद संबंधित धनराशि को देने का अनुमोदन 8 मार्च 2022 को विकास कार्य करवाने के लिए गठित कमेटी द्वारा किया गया।
इस कमेटी में डॉ. दिनेश सिंह कवंर, डॉ. रमेश, डॉ. प्रेम पाल, रवि राम, डॉ. मुनीष कुमार, डॉ. आदर्श शर्मा, राजेश्वर शर्मा सदस्य थे। जबकि इस दौरान कालेज के कार्यकारी प्राचार्य डॉ. जगदीश चंद शर्मा थे। इसमें कालेज अधीक्षक ग्रेड टू चमन लाल द्वारा यह ट्रांजेक्शन की गई है।
बता दें कि बास्केटबाल कोर्ट को बनाने के लिए 22 फरवरी 2022 को टेंडर लगाए गए थे जिसमें पांच कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया। लेकिन इसमें चार कंपनियों को बिना किसी कारण अयोग्य घोषित कर दिया। सिर्फ अकेले टेंडर एमएस नंदन कांट्रेक्टर एंड सप्लायर मंडी को योग्य घोषित किया गया।
कागजों में 9 मार्च 2022 को ठेका देने के बाद महज तीन दिनों में 12 मार्च 2022 को ठेकेदार को काम पूरा होने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया। इसके बाद 16 मार्च 2022 को इसी प्रमाण पत्र के आधार पर बिल उप-ट्रेजरी अर्की को प्रस्तुत किया गया, और 19 मार्च 2022 को यह पास भी हो गया। इसके बाद 11,81,950 रुपये ठेकेदार के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए।
मामले की पुष्टि एसपी सोलन गौरव सिंह ने की है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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