शिक्षा विभाग में 11 वर्ष की दैनिक एवं अंशकालिक सेवा पूरी कर चुके लगभग 928 अंशकालिक जलवाहकों की सेवाओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद पर नियमित करने का निर्णय
समाचार दृष्टि ब्यूरो/शिमला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में पिछले दो वर्षों के दौरान राज्य में विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने में प्रदेशवासियों के सहयोग और कांग्रेस हाईकमान के अटूट समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया गया। मंत्रिमंडल ने बिलासपुर में आयोजित दो वर्ष के समारोह के सफल आयोजन के लिए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और विभिन्न सरकारी विभागों के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।
मंत्रिमंडल ने शिमला जिले के समेज व रामपुर, कुल्लू जिले के जाओं-बागीपुल, निरमंड और मंडी जिले के टिक्कम थालू-कोट सहित आपदा प्रभावित क्षेत्रों को विशेष राहत पैकेज देने का निर्णय लिया। इस पैकेज के अंतर्गत पिछले वर्ष की तरह प्रभावित परिवारों को पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए मुआवजा राशि को 1.5 लाख रुपये बढ़ाकर सात लाख रुपये किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने उद्योग विभाग में 80 खनन रक्षकों की नियुक्ति के लिए 20 से 30 वर्ष की आयु सीमा तय करने के मापदंड को मंजूरी प्रदान की। सैनिक कल्याण विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 26 पद भरने, शिक्षा विभाग में पंजाबी भाषा के 17 अध्यापकों तथा उर्दू भाषा के 14 अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने को भी मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में किसी भी संस्थान में अल्पकालिक रिक्तियों के कारण उत्पन्न होने वाले अंतराल को भरने के लिए प्रति घंटा आधार पर अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की।
बैठक में मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों के अनुसार सीधी भर्ती में एसएमसी अध्यापकों (पीजीटी/डीपीई) के लिए पांच प्रतिशत एलडीआर कोटा शामिल करने को मंजूरी प्रदान की गई, जिसे शिक्षा विभाग के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में शामिल किया जाएगा।
शिक्षा विभाग में 11 वर्ष की दैनिक एवं अंशकालिक सेवा पूरी कर चुके लगभग 928 अंशकालिक जलवाहकों की सेवाओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद पर नियमित करने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में नर्सरी कक्षा एवं कक्षा-1 में दाखिले के लिए आयु सीमा को राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली-2020 के तहत लागू करने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमंडल ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के नेतृत्व में होम स्टे के संचालन पर मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए हिमाचल प्रदेश होम स्टे नियम-2024 को अधिसूचित करने का निर्णय लिया। नए प्रावधानों के अनुसार हिमाचलियों को प्राथमिकता दी जाएगी। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्थानीय निकायों या किसी अन्य विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, उचित मल निकासी और कचरा निपटान तंत्र अनिवार्य होंगे। इसके अलावा, होम स्टे इकाइयों में वर्षा जल संचयन प्रणालियों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा।
बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में जल विद्युत क्षेत्र पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई। इन प्रावधानों के अन्तर्गत सरकार 25 मेगावाट तक की उन परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए एक नीति का आकलन और निर्माण करेगी, जिनमें कोई प्रगति नहीं हुई है। वर्तमान में प्रदेश में इस तरह की 700 से अधिक रूकी हुई परियोजनाएं हैं।
मंत्रिमंडल ने महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना-2024 को मंजूरी प्रदान की। इसके तहत 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले वाल्मीकि समुदाय के सफाई कर्मचारियों को घर बनाने के लिए तीन लाख रुपये कि वित्तीय सहायता दी जाएगी।
मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना-2023 के अन्तर्गत गृह निर्माण के लिए वित्तीय सहायता राशि 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने को स्वीकृति प्रदान की।
सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में दक्षता बढ़ाने के लिए मंत्रिमंडल ने सैद्धांतिक रूप से स्वास्थ्य सेवा निदेशालय और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के मध्य नर्सिंग, पैरामैडिकल, मिनिस्ट्रियल और गैर-मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों के सामान्य कैडर के विभाजन को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की। इन कर्मचारियों को अपने पसंदीदा कैडर का चयन करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा।
बैठक में हिमाचल प्रदेश जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) ट्रस्ट नियम-2016 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। संशोधन में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों का स्पष्ट समीकरण शामिल है और स्थानीय समुदाय को लाभान्वित करने के लिए सीधे प्रभावित क्षेत्र का दायरा पांच किलोमीटर से बढ़ाकर 15 किलोमीटर कर दिया गया है। इसके अलावा, डीएमएफ फंड का उपयोग कम से कम 70 प्रतिशत विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में किया जाना अनिवार्य किया गया है, जिसमें से 70 प्रतिशत फंड उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को आवंटित किया जाना चाहिए।
मंत्रिमंडल ने चम्बा जिले की पांगी घाटी में बिजली आपूर्ति के लिए थिरोट से किलाड़ तक 45.48 करोड़ रुपये की लागत से 33 के.वी. की नई लाइन के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी प्रदान की।
निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा कार्यों का समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित करने के लिए मंत्रिमंडल ने लोक निर्माण विभाग में निविदा सूचना के ऑनलाइन प्रकाशन के समय को 10 दिन से घटाकर सात दिन, सहायक अभियंता/अधिशासी अभियंता द्वारा जारी किए जाने वाले स्वीकृति पत्र का समय 20 दिन से घटाकर 12 दिन, अधीक्षण अभियंता द्वारा जारी किए जाने वाले स्वीकृति पत्र को 27 दिन से घटाकर 17 दिन तथा मुख्य अभियंता द्वारा जारी किए जाने वाले स्वीकृति पत्र के समय को 30 दिन से घटाकर 22 करने का निर्णय लिया है।
बैठक में प्रदेश में सूखे और क्षतिग्रस्त पेड़ों के निस्तातंरण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू करने को मंजूरी दी। इस निर्णय का उद्देश्य सड़कों के किनारे गिरे हुए या क्षतिग्रस्त पेड़ों को तुरन्त हटाना तथा उनका प्रबंधन सुनिश्चित करना है।
मंत्रिमंडल ने प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, लागत को कम करने और स्कूल, अस्पताल, सड़क आदि जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए डीएफओ को 50 पेड़ों तक के लॉट्स का प्रबंधन करने की शक्तियां प्रदान करने का निर्णय लिया।
बैठक में शिमला जिले के सुन्नी में एक नया उपमंडलाधिकारी कार्यालय (नागरिक) खोलने और संचालन के लिए आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने सिरमौर जिले के कोटा पाब, हलाहां, थोटा जाखल, उतरई, नाया पिंजौड़ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने तथा इनके संचालन के लिए आवश्यक पदों को सृजित कर भरने की स्वीकृति प्रदान की।
जिला लाहौल-स्पीति के केलांग पुलिस थाना के अन्तर्गत सरचू में स्थाई पुलिस चौकी खोलने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिमंडल ने तम्बाकू उत्पादों पर रोड टैक्स को 4.50 रुपये प्रतिकिलो से बढ़ाकर 6.75 प्रतिकिलो करने का निर्णय लिया।