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विधान सभा अध्यक्ष के तानाशाही पूर्ण रवैये के खिलाफ राज्यपाल को सोंपा ज्ञापन : जयराम

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जयराम बोले प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण वित्तीय संकट इतना गहरा गया है कि हालात आर्थिक आपातकाल जैसे पैदा हो गए

भाजपा विधायक दल ने नियम-67 के अन्तर्गत प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया था जिस पर भी कोई गौर नहीं फरमाया गया

समाचार दृष्टि ब्यूरो/शिमला

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बताया की हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का विधायक दल राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ध्यान में लाना चाहते हैं कि चाँदवीं विधान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया का व्यवहार सदन के अन्दर और बाहर जहाँ विधायकों की भावना को आहत कर रहा है वहीं विधान सभा अध्यक्ष के संवैधानिक पद की गरिमा को भी ठेस पहुँचा रहा है। सदन के अन्दर तो विधान सभा अध्यक्ष का रवैया पक्षपात एवं तानाशाही पूर्ण रहता है। हमेशा नियमों एवं परम्पराओं के खिलाफ काम करते हुए सत्ता पक्ष को लाभ पहुँचाने का प्रयास करते हैं। विपक्षी सदस्यों विशेषकर नेता प्रतिप्रक्ष द्वारा नियमों का हवाला देने पर हमेशा यही कहा जाता कि मुझे सब पता है मुझे सिखाने की जरूरत नहीं है।

महोदय लोक सभा चुनाव के दौरान एक कार्यक्रम में विधान सभा अध्यक्ष महोदय ने भाषण देते हुए कहा कि मैंने छः विधायकों के सिर कलम कर दिए हैं और तीन मेरे आरे के नीचे तड़फ रहे हैं, ये शब्द अलोकतांत्रिक व असंसदीय हैं और जहाँ इससे विधायकों की भावना आहत हुई है वहीं विधान सभा अध्यक्ष पद की गरिमा को भी ठेस पहुँची है। सदन के अन्दर विधायक श्री इन्द्र दत्त लखनपाल द्वारा यह मुद्दा उठाने पर विधान सभा अध्यक्ष ने खेद प्रकट करना तो दूर शब्द भी वापिस नहीं लिए और उल्टा सदन के बाहर फिर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणीयाँ की। हद तो तब हो गई जब मीडिया के सामने कहा कि नेता प्रतिपक्ष मेरे से बहुत जूनियर हैं वो मुझे क्या सिखाएंगे। आज सुबह भाजपा विधायक दल ने नियम-274 के अन्तर्गत विधान सभा सचिव को विधान सभा अध्यक्ष को पद से हटाने का संकल्प प्रस्तुत किया इसके बावजूद भी विधान सभा सत्र शुरू होने के बाद अध्यक्ष महोदय अपने आसन पर आकर बैठ गए, जबकि नैतिकता के आधार पर उन्हें संकल्प पेश होने और उस पर चर्चा तथा मतदान होने तक आसन पर नहीं आना चाहिए था ।

महोदय यही नहीं भाजपा विधायक दल ने नियम-67 के अन्तर्गत प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया था जिस पर भी कोई गौर नहीं फरमाया गया। उहोंने राज्यपाल से बात करते हुए कहा कि महोदय आप जानते हैं आज सितम्बर माह की दो तारीख हो गई परन्तु कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है जिससे स्पष्ट है कि प्रदेश आर्थिक दिवालियेपन की कगार पर पहुंच गया है।

प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण वित्तीय संकट इतना गहरा गया है कि हालात आर्थिक आपातकाल जैसे पैदा हो गए हैं। इसलिए हमारा मानना था कि आज सदन के अन्दर सभी कार्य स्थगित कर नियम-67 के अन्तर्गत इस विषय पर चर्चा हो, परन्तु अध्यक्ष महोदय ने नेता प्रतिपक्ष श्री जय राम ठाकुर और पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्री विपिन सिंह परमार द्वारा बार-बार निवेदन करने पर भी चर्चा नहीं करवाई जिसके कारण हमें आज फिर बहिष्कार करना पड़ा। महोदय भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल से निवेदन करता है कि प्रदेश की वर्तमान परिस्थितियों विशेषकर आर्थिक स्थिति को देखते हुए उचित कार्यवाही करने की कृपा करें ।

नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा उनके साथ इस अवसर पर रणधीर शर्मा, विपिन परमार, अनिल शर्मा, इंदर लखनपाल, राकेश जमवाल, रीना कश्यप, प्रकाश राणा, इंदर गांधी, सुधीर शर्मा, पवन काजल, बिक्रम ठाकुर, दीपराज कपूर, दिलीप ठाकुर, आशीष शर्मा, सुरेंद्र शौरी, जीतराम कटवाल, सतपाल सत्ती, सुखराम चौधरी, हंस राज, बलबीर वर्मा, जनक राज उपस्थित रहे।

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